वृक्क की विकृतियाँ।neuron|basic of science|kidney|
● वृक्क विकृतियाँ - कई कारणों से उत्सर्जन संबंधी अनेक विकार उत्पन्न हो सकते हैं
1•यूरिमिया- जब रुधिर में यूरिया की सामान्य से अधिक मात्रा हो जाती है उसे यूरिमिया कहते हैं
•यूरिमिया रोग से ग्रसित मानव के शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने की कृत्रिम विधि को अपोहन या डाएलाइसिस कहते हैं
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2•वृक्क की क्रियाहीनता- वृक्क की क्रियाहीनता को दूर करने का अंतिम उपाय वृक्क प्रत्यारोपण है प्रत्यारोपण के मुख्यता निकट संबंधी दाता की क्रियाशील वृक्क का उपयोग किया जाता है जिससे पर्याप्तकताॅ का प्रतिरक्षा तंत्र उसे अस्वीकार नहीं करें, आधुनिक क्लीनिकल विधि इस प्रकार की जटिल तकनीक सरलता की दर को बढ़ाता है
3• रीनल केलकलाई- वृक्क मे बनी पथरी या अधुलनशील लवण के पिंड ( जैसे ऑक्सलेट आदि)
4• ग्लोमेलोनेफाइटिस( गुच्छ शोथ) - वृक्क के
गुच्छ शोथ कराब होने पर
1•यूरिमिया- जब रुधिर में यूरिया की सामान्य से अधिक मात्रा हो जाती है उसे यूरिमिया कहते हैं
•यूरिमिया रोग से ग्रसित मानव के शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने की कृत्रिम विधि को अपोहन या डाएलाइसिस कहते हैं
2•वृक्क की क्रियाहीनता- वृक्क की क्रियाहीनता को दूर करने का अंतिम उपाय वृक्क प्रत्यारोपण है प्रत्यारोपण के मुख्यता निकट संबंधी दाता की क्रियाशील वृक्क का उपयोग किया जाता है जिससे पर्याप्तकताॅ का प्रतिरक्षा तंत्र उसे अस्वीकार नहीं करें, आधुनिक क्लीनिकल विधि इस प्रकार की जटिल तकनीक सरलता की दर को बढ़ाता है
3• रीनल केलकलाई- वृक्क मे बनी पथरी या अधुलनशील लवण के पिंड ( जैसे ऑक्सलेट आदि)
4• ग्लोमेलोनेफाइटिस( गुच्छ शोथ) - वृक्क के
गुच्छ शोथ कराब होने पर
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